Thursday, 25 May 2017

वीर्य को देर तक रोकने के कामयाब घरेलु नुस्खे


जो पुरुष ताकतवर होते हैं, उनका दांपत्य जीवन भी सुखी रहता है। इसलिए किसी भी तरह की कमजोरी पुरुषों में आत्मविश्वास की कमी का कारण बन सकती है। कई बार पुरुषों में पाई जाने वाली ये शारीरिक कमजोरियां अस्वस्थ संबंधों का कारण बन जाती हैं। कुछ शारीरिक कमजोरियां जैसे स्वप्न दोष, शीघ्र पतन व कमजोरी आदि ऐसी समस्याएं हैं, जो मन पर नियंत्रण न होने के कारण होती हैं।

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किसी व्यक्ति के जीवन में यौन समस्याएं उसके यौन जीवन में शुरुआत में विकसित हो सकती हैं या असुखद व असंतोषजनक यौन अनुभव होने के बाद भी हो सकती हैं। यौन समस्याओं के कारण शारीरिक, मानसिक, या दोनों हो सकते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं पुरुषों में कमजोरी पैदा करने वाली समस्याओं को खत्म करने के लिए कुछ नेचुरल नुस्खे। ये इस समस्या में रामबाण की तरह काम करते हैं।

1. रोज रात को सोने से पहले लहसुन की दो कलियां निगल लें। फिर थोड़ा-सा पानी पिएं। आंवले के चूर्ण में मिश्री पीसकर मिलाएं। इसके बाद प्रतिदिन रात को सोने से पहले करीब एक चम्मच इस मिश्रित चूर्ण का सेवन करें। इसके बाद थोड़ा-सा पानी पिएं।

2. आंवले का मुरब्बा खाएं। केला पुरुष की शक्ति को बढ़ाने वाला फल है। प्रतिदिन केले खाएं और संभव हो तो केला खाने के बाद दूध भी पिएं।

3. नपुंसकता दूर करने के लिए पुरुषों को कच्ची भिंडी चबानी चाहिए। इस समस्या में भिंडी एक बेहतरीन दवा का काम करती है।

4. प्याज के सफेद कंद का रस, शहद, अदरक का रस और घी का मिश्रण 21 दिनों तक लगातार लेने से नपुंसकता दूर होकर पौरुष शक्ति प्राप्त होती है।

5. छुई-मुई के बीजों के चूर्ण (3 ग्राम) को दूध में मिलाकर रोजाना रात को सोने से पहले लिया जाए तो शारीरिक दुर्बलता दूर हो जाती है।

6. स्वस्थ सोच से ही शरीर स्वस्थ रहता है। यह एक सच्चाई है। इन समस्याओं के लिए हमारे मन की भावनाएं भी काफी हद तक जिम्मेदार होती हैं। मन में भोग-विलास के वासनात्मक ख्याल रहना या मन में हमेशा काम-वासना के विचार घुमड़ते रहना स्वप्नदोष व शीघ्रपतन जैसी समस्याओं का एक बड़ा कारण है।

7. मेथी को इस समस्या की बहुत कारगर दवा माना गया है। दो चम्मच मेथी के जूस में आधा चम्मच शहद मिलाकर रोजाना रात को लेने से इस समस्या में बहुत जल्दी आराम मिलता है।

8. स्वस्थ सोच से ही शरीर स्वस्थ रहता है। यह एक बड़ी सच्चाई है। इन समस्याओं के लिए हमारे मन की भावनाएं भी काफी हद तक जिम्मेदार होती हैं। मन में भोग-विलास के वासनात्मक ख्याल लाना या मन में काम-वासना के विचार करना स्वप्रदोष व शीघ्रपतन जैसी समस्याओं का एक बड़ा कारण है।

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